POHA RECIPE/HOW TO MAKE POHA/BREAKFAST RECIPE/SPICED FLATTENED RICE

ABOUT POHA –

पोहा भारत के महाराष्ट्र मध्य प्रदेश और गुजरात में खाए जाने वाला एक मुख्य नाश्ता है यह बहुत ही स्वादिष्ट और अनेक पोषण संबंधी लाभों के अंतर्गत आता है यह नहीं सिर्फ जल्दी बनने वाला नाश्ता है बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अत्यधिक लाभप्रद है यह पोषक तत्वों से भरपूर रहता है जो आप अपने दिन की शुरुआत करने के लिए जो ऊर्जा चाहिए होती है आपको भरपूर मात्रा में प्रदान करता है पोहा को चपटा  हुआ चावल भी कहा जाता है

 

पोहा नामक व्यंजन की उत्पत्ति सबसे पहले महाराष्ट्र में हुई थी इस कांधा पोहा भी कहा जाता है जिसका अर्थ प्याज होता है जैसे-जैसे समय बीतता गया यह  भारत के अन्य क्षेत्रों में भी लोकप्रिय व्यंजन के रूप में प्रसिद्ध होने लगा जैसे मध्य प्रदेश में पोहा को सेव्  के साथ परोसा जाता है और साथ ही साथ जलेबी के साथ खाकर इसका आनंद उठाया जाता है जिससे नमकीन और मीठा दोनों ही एक साथ खाकर दिन की शुरुआत की जाती है

 

पोहे को सिर्फ नाश्ते में ही नहीं खाया जाता है बल्कि इससे अन्य समय जिसे शाम के समय भी इसे लोग अपने घरों में बनाते हैं और अक्सर यह सड़क के किनारे खाने पीने की दुकानों या चाय के दुकान पर भी परोसा जाता है यह बहुत ही हल्का ,जल्दी बनने वाला एक आदर्श विकल्प रहता है

 

पोहा छोटे,हल्के लगभग 2 मिलीमीटर लंबे चपटे और सफेद रंग के होते हैं इनमें कोई विशेष खुशबू नहीं होती है यह बहुत ही कोमल होता है थोड़े से जल में ही भिगोने  के भी होने के बाद यह नरम होकर के खाने के स्वाद को उत्तम बनता है

 

पोहा चुनते समय ध्यान दी जाने वाली बातें

पोहा चुनते समय ध्यान दी जाने वाली बातें-

 

१- बाजार में मोटे, मध्य आकर के और पतले पोहे प्राप्त होते हैं इसीलिए अपनी जरूरत के हिसाब से इन्हें खरीदना चाहिए अगर आप इन्हें सिर्फ हल्का सा सेक करके कुछ मसाले के साथ स्नैक्स के रूप में खाना चाहते हैं तो उसके लिए पतले पोहे लेने ठीक रहते हैं

 

२- यदि आप पोहे को सुबह के नाश्ते में खाना पसंद करते हैं तो उसके लिए थोड़े से मध्यम और मोटे आकर के पोहे अच्छे रहते हैं क्योंकि इन्हें पानी में थोड़ा सा भीगा करके इस्तेमाल किया जाता है जिससे यह आपस में पूरी तरीके से चिपकती नहीं है मध्य आकर के पोहे लेने से यह खुले खुले चावल के जैसे बनते हैं वह खाने में भी बहुत स्वादिष्ट लगते हैं

पोहे से प्राप्त होने वाले लाभ

पोहे से प्राप्त होने वाले लाभ

 

 पोहा सिर्फ एक स्वादिष्ट व्यंजन ही नहीं है बल्कि यह स्वास्थ्यवर्धक संपूर्ण नाश्ते में भी सम्मिलित किया जाता है

 

१- कार्बोहाइड्रेट – पोहा कार्बोहाइड्रेट का एक बहुत अच्छा स्रोत है जो दिन की शुरुआत के लिए प्राप्त होने वाली ऊर्जा को भली भांति प्रदान करता है यह एक जटिल कार्बोहाइड्रेट है जो की पचाने में समय लगते हैं और काफी देर तक इससे भूख नहीं लगती है और लंबे समय तक ऊर्जावान व्यक्ति महसूस करता है

 

२- कम कैलोरी – पोहे में कैलोरी की मात्रा बहुत ही कम है लेकिन यह अधिक समय तक ऊर्जा प्रदान करने वाला स्रोत है पोहे की 100 ग्राम की मात्रा में 130 कैलोरी होती है जिसे जो व्यक्ति वजन कम करने की इच्छा रखते हैं उनके लिए यह अत्यधिक लाभप्रद व्यंजन है इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो की भूख  को नियंत्रित करने में भी सहायता देता है

 

३-  शीघ्र पचने वाला – पोहा बहुत हल्का होता है और पचाने में अत्यधिक आसान भी, बच्चे और बुजुर्ग जिन्हें खाने मेंअत्यधिक कभी-कभी दिक्कतों का सामना होता है उनके लिए यह सुपाच्य भोज पदार्थ है

 

४-ग्लूटेन फ्री – पोहा से ग्लूटेन से मुक्त होता है अतः जो व्यक्ति ग्लूटेन फ्री खाना पसंद करते हैं उनके लिए लाभप्रद भोज्य पदार्थ है

 

५- फाइबर से भरपूर व्यंजन -पोहा में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो की पाचन क्रिया को सुगम बनता है फाइबर कब्ज को नियंत्रित करने में और स्वस्थ आंत को बनाए रखना है यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी बनाए रखने में सहायता करता है और हृदय के स्वास्थ्य में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है

 

६- उच्च आयरन की मात्रा – पोहे मेंआयरन उच्च मात्रा का रहता है जिससे यह हीमोग्लोबिन में सहायक होता है जो कि शरीर के उत्पादक अच्छी मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाने में सहायता करता हैअत नियमित रूप से पोहा खाने वाले लोगों को आयरन की कमी नहीं होती है अतः जो लोग एनीमिया से पीड़ित होते हैं उनके लिए यह एक भरपूर व्यंजन है साथ ही साथ जब इसे नींबू के रस के साथ मिलाया जाता है वह आयरन के अवशोषण में सहायता प्राप्त होती है

 

७- विटामिन और मिनरल्स से भरपूर – पोहा में विटामिन बी1, बी6 ,बी9 शामिल होता है जो ऊर्जा चयापचय  मस्तिष्क के संबंधी कार्य और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में सहायता देते हैं इसके अलावा पोहा में थोड़ी मात्रा में कैल्शियम ,मैग्नीशियम और जिंक भी पाया जाता है जो संपूर्ण स्वास्थ्य के विकास में लाभप्रद है

 

८- संतुलित आहार – पोहा एक संतुलित आहार के अंतर्गत आता है क्योंकि इसमें सब्जियां, नट्स , मसालेआदि को मिलाकर इसके पोषण संबंधी कई गुना को बढ़ाया जाता है मूंगफली डालने से इसमें प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है और गाजर, मटर, शिमला मिर्च जैसे सब्जियां डालने से इसमें फाइबर विटामिन और खनिज की मात्रा बढ़ जाती है

पोहे में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री

                                             

पोहे में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री

  • २-१/२  कप  मोटा पोहा
  • एक बड़ा प्याज, बारीक कटा हुआ
  • दो मध्यम आकार के आलू छिले हुए और बारीक टुकड़ों में कटे हुए
  • १/४ टीस्पून सरसों के बीज 
  • १०-१५ करी पत्ते
  • दो हरी मिर्च, बारीक कटी हुई
  • २ टेबल स्पून मूंगफली के दाने
  • १/२ टीस्पून हल्दी पाउडर
  • २ टेबल स्पून नींबू का रस
  • १/२ चीनी
  • २ टेबल स्पून कसा हुआ या बारीक कटा हुआ नारियल
  • २ टेबल स्पून तेल
  • नमक स्वादानुसार
  • १/२ अनार के दाने 
  • २  टेबल स्पून बारीक कटा हुआ हरा धनिया

 

पोहा बनाने की विधि 

  1.  सबसे पहले पोहे को एक बड़ी सी छलनी में ले और अच्छी तरीके से छान ले ताकि अगर पोहे का कुछ चूरा रह गया है तो वह छलनी से निकलकर अलग हो जाए

 

    २. इसके पश्चात पोहे को आप अच्छी तरीके से पानी से धो लें किंतु याद रखें    इसे पानी में भिगोकर नहीं रखना है अगर पानी में भिगोकर इसे रखा जाएगा तो पोहा नरम हो जाएगा और खुले-खुले पोहे नहीं बन पाएंगे इसीलिए पोहे को पहले आपअच्छी तरीके से धोकर एक किनारे रख दें ताकि अतिरिक्त पानी पोहे में से निकल जाए I 

 

३- आप एक कढ़ाई में दो बड़े चम्मच तेल गर्म करके उसमेंदी हुई राइ डालें जैसे ही राइ कड़कने लगे उसमें बारीक कटा हुआ हरी मिर्च, करी पत्ता,मूंगफली और हींग डालकर 40 से 50 सेकंड तक इस पकाए 

अब इस तैयार मसाले में बारीक कटा हुआ प्याज डालें, प्याज जैसे ही हल्का गुलाबी होने लगे,उसमें कटा हुआ आलू डाल दें,

थोड़ी देर तक आलू को अच्छी तरीके से पकाने दे

 इसी समय आप आलू के साथ बारीक टुकड़ों में कटा हुआ गाजर मटर शिमला मिर्च भी डाल सकते हैं

जैसे ही 5 से 7 मिनट के बाद सारी सब्जियां नरम होकर पकने लगे इसी अवस्था में आप भिगोए हुए पोहे इसमें डालने और अच्छी तरीके से साडी सामग्री को मिला ले,इसके पश्चात गैस को आप बंद कर दें अब इसके ऊपर कटा हुआ हरा धनिया सजा  दे

पोहा बनाते समय ध्यान दी जाने वाली बातें

पोहा बनाते समय ध्यान दी जाने वाली बातें

 

१- सबसे पहले पोहा बनाते समय कभी भी पोहा को पानी में भीग करके नहीं रखना चाहिए इससे वह अत्यधिक नरम होकर के पहले हुए नहीं बन पाते हैं। 

२-चीनी की मात्रा आप अपने हिसाब से घटा-बढ़ा सकते हैं। 

 

३- पोहे का स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसके ऊपर से और अनार के दाने नींबू के रस से मिलकर इस परोस सकते हैं।

 

इस प्रकार से पोहे को नाश्ते के साथ खाया जाता है और साथ ही साथ इसके साथ चाय या मट्ठा के साथ इसे एक भरपूर संतुलित आहार बनाया जाता है

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